07 अगस्त 2017

आखिर कब तक????



दो और जवान शहीद हो गए। राखी के‍ एक दिन पहले दो बहनों ने अपने भाईयों को खो दिया। राखी की सुबह दोनों शहीदों को गार्ड आफ ऑनर दिया गया। पुलिस, प्रशासन और शहीदों के परिजनों की आंखों से आंसू बहता देख हर आंखें नम रहीं। पर एक बात तय हो गई कि राजनीति क्षेत्र में संवेदनाएं मर गई हैं। शहीदों को अंतिम‍ बिदाई देने भी उंगलियों में गिने जाने वाले नेता मौजूद थे। क्‍या हुआ, मुख्‍यमंत्री ने अपने विधानसभा क्षेत्र में पांच पांच लालबत्तियां बांटी है। उपस्थिति एक की ही रही। 

आज रक्षाबंधन का त्‍यौहार है। हम सब इतराएंगे... सब अपनी कलाई पर अपनी बहनों का प्रेम देख इतराएंगे 

बहनें भी इतराएंगी कि हमारी रक्षा करने वाले भाई की कलाई पर मैंने डोर बांधी है और मेरा भाई हमेशा मेरे लिए, मेरी हर मुश्किल हालात में मेरे साथ होगा, लेकिन उस बहन का क्या, जिसके लिए रक्षाबंधन का त्योहार उसके भाई की मौत की खबर लेकर आया। 






नक्सल आतंक से जूझ रहे छत्तीसगढ़ में एक बार फिर शहादत हुई है! राजनांदगाँव जिले में रविवार को नक्सलियों के हमले में दो जवान शहीद हो गए!! एक एसआई और एक आरक्षक नक्सलवाद की बलि चढ़ गए!!! कब तक? आखिर कब तक?? 

फिर वही निंदा! फिर वही चेतावनी!! फिर वही शहादत व्यर्थ नहीं जाने देने के बयान!!! आखिर कब तक???? 

शहीद हुए एसआई युगल किशोर वर्मा के संबंध में पता चला है कि वे दो भाई थे और उनकी एक बहन थी... अब क्या बहन कभी रक्षाबंधन का त्योहार मना पाएगी? शहीद आरक्षक कृष साहू के परिवार में त्योहार की खुशी मनेगी?? सिर्फ कल नहीं, सालों साल इनके घरों में मातम रहेगा!!! 

सोमवार की सुबह हम जुटेंगे, शहादत को नमन करेंगे, पुलिस विभाग गाड आफ आनर देगा और इसके बाद फिर अगली शहादत का इंतजार....

बस, आप और हम इतराएँ कि हम रक्षाबंधन का त्योहार मना रहे हैं!!! हर दिन बहनों से भाई छिन रहा है!!!! सुहागिनों की मांग का सिंदूर मिट रहा है!!!!! माँ की गोद सूनी हो रही है!!!!! बच्चों के सिर से पिता का साया उठ रहा है!!!!!! इससे क्या...!!!!!!!!

जवाब बहुत छोटा हो सकता है (यदि देना चाहें), पर सवाल बहुत बडा़ है कि क्या नक्सल आतंक कभी खत्म होगा?????

#हिन्‍दी_ब्‍लाॅगिंग 

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